साउथ इंडियन फूड | 6 Spices Used in South Indian Cuisine in Hindi

Write any 6 spices used in South Indian cuisine|दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले मसाले | साउथ इंडियन फूड | South Indian Food in Hindi

मसाले एक डिश को जीवन देते हैं! यह खाने के समय को यादगार बना देता है! आइए हम आपको एक सुंदर, स्वादिष्ट, मसालेदार यात्रा पर ले चलते हैं, जिससे आपको प्रकृति के विभिन्न मसालों को समझने में मदद मिलती है, जी हाँ, हम बात कर रहे हैं दक्षिण भारतीय व्यंजन और उनमें इस्तेमाल होने वाले मसालों (South Indian food and Spices used in them) के बारे में!

TOTAL COOKING द्वारा प्रस्तुत लेख में हम साउथ इंडियन फूड | 6 Spices Used in South Indian Cuisine in Hindi,आपको साउथ इंडियन फूड और उस में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख मसालों के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं! साउथ इंडियन फूड (South Indian Food in Hindi) सुनते ही आपके दिमाग में आता है टेस्टी-क्रंची वड़ा, डोसा, उपमा, उत्तपम, इडली या सांभर! लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ संजोए है दक्षिण भारतीय खाना! खाने के इस सफर में आपको बताएंगे कि असल में साउथ इंडियन फूड है क्या? और क्यों हैं ये खास?

साउथ इंडियन फूड | 6 Spices Used in South Indian Cuisine in Hindi
साउथ इंडियन फूड | 6 Spices Used in South Indian Cuisine in Hindi


सबसे पहले आप ये जान लें कि असल में साउथ इंडियन फूड (South Indian Food in Hindi) का हर जायका मिला जुला है! यानी कोई एक राज्य का खाना साउथ इंडियन फूड नहीं कहलाता! दक्षिण क्षेत्र में शुमार हैं चार राज्य : कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू और केरल! मोटे तौर पर इन चारों राज्यों में-खाने में प्रयुक्त मसाले, छौंकने का तरीका, ठोस आहार और पकाने का तेल-एक जैसे हैं!

भले ही यहां खड़े मसाले; छोटी इलायची, बड़ी इलायची, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग और जायफल,साबुत लाल मिर्च, पकाने के लिए नारियल तेल, छौंकने के लिए करी पत्ता, चने की दाल, सरसों दाना, जायका बढ़ाने वाली नारियल, इमली, मूंगफली की चटनी व तरलता देता सांभर खाने को लज्जतदार व अनूठा बनाता है, लेकिन दक्षिण पट्टी का हर राज्य इससे इतर भी भोजन की खूबियों को अपने में संजोए है!

हालांकि दक्षिण भारतीय खाने की तासीर गर्म है! यहां पेट भराऊ भोजन है चावल व चावल से बने विविध पकवान! भले ही दक्षिण के हर राज्य का खाना अलग-अलग हो, लेकिन हर राज्य में चावल बनता है पेट भराऊ भोजन! लोग इसे सांभर, रसम, सूखी सब्जियाें, नॉन वेज, नारियल चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं! दक्षिण भारत के हर राज्य में खाना पकाने से लेकर तलने तक में नारियल तेल का प्रयोग होता है! इस बाबत दक्षिण भारतीयों का मानना है कि खाने का स्वाद बढ़ाता है नारियल तेल, घी का प्रयोग कुकिंग की बजाय कच्चा खाने में किया जाता है! कहा जाता है कि घी मिलाकर उबले चावल खाने से जायके में वृद्धि होती है!

समुद्र तट के नजदीक होने के कारण इन राज्यों में सालभर उमस भरी गर्मी रहती है! यह गर्मी सूखे मेवों व खड़े मसालों की खेती के लिए उपयुक्त है! एक समय में हैदाराबाद में निजामों का डंका बजता था! इसका प्रभाव उनके भोजन में झलकता है! यानी मेवों युक्त गरिष्ठ खाना, सिर्फ मिर्च का तीखापन नहीं, शाही खड़े मसालों से सराबोर खाना जो भोजन को अंदर से बनाए गर्म व तीखा, खट्टा, मीठा स्वाद का हर चटखारा!

यह सबसे पहले जाने दक्षिण भारतीय राज्यों में पाए जाने वाले खाने की विशेषता और संक्षिप्त जानकारी के बारे में..

दक्षिण भारतीय राज्यों में पाए जाने वाले खाने की विशेषता और संक्षिप्त जानकारी-Characteristics and brief information of food found in South Indian states:


•तमिलनाडू-Food of Tamilnadu

दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण राज्य है तमिलनाडू दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण राज्य है, जितना यहां का इतिहास अनोखा है, उतना ही यहां का स्वाद विलक्षण! यहां स्वाद में शुमार हैं इडली, डोसा, उत्तपम्म, रसम, सांभर, वड़ा आदि! तमिलनाडू के भोजन में मालाबारी कुकिंग की प्रमुखता मिलती है!

•केरल-Food of Kerela

यह भी दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। यहां के लोगों का पेट भरती हैं मछलियां और चावल! या यूं कहें कि यहां भोजन का प्राकृतिक स्रोत है मछली और चावल! साथ ही केले और कटहल की खेती प्रमुखता से होती है, जिसकी बानगी देते हैं केले व कटहल के चिप्स! आंध्र प्रदेश खाने की लजीज होने की वजह है इतिहास की छाप! मुगलोें ने सूखे मेवों, खड़े मसालों के प्रयोग से खाने को बनाया शाही! चाहे आप कबाब या कुरमास या बिरयानी खाओ!

•आंध्र प्रदेश-Food of Andhra Pradesh

आंध्र प्रदेश का पारंपरिक भोजन बहुत खास है! यहां शाकाहारी के अलावा समुद्री भोजन की बहुलता मिलेगी!

•कर्नाटक- Food of Karnataka

कर्नाटक में शाकाहारियों की संख्या अन्य दक्षिणी राज्यों से अधिक है, अत: शाकाहारी भोजन यहां व्यापक रूप से लोकप्रिय है! उत्तरी कर्नाटक, दक्षिणी कर्नाटक, तटवर्ती कर्नाटक, मलनाड इन चारों इलाकों में लोगों की खाने-पीने की आदतें बिल्कुल अलग हैं! उत्तरी कर्नाटक में ज्वार और बाजरा प्रधान अनाज हैं! यहां पर ज्वार की रोटी बहुत प्रसिद्ध है! इसे क्षेत्रीय भाषा में ज्वार का भाकरी कहते हैं! दूसरा है दक्षिणी कर्नाटक क्षेत्र, जहां पर रागी और उबले हुए चावल लोगों का पसंदीदा भोजन है! दोनों अनाजों को यहां के लोग सब्जी, गोज्जू, पल्या, अचार, तिलि सारू, हूली के साथ खाना पसंद करते हैं! तीसरा आता है तटीय कर्नाटक का भोजन!

समुद्री क्षेत्र होने के कारण यहां पर भोजन में नारियल और नारियल के तेल से बनी चीजें शामिल होती हैं! यहां का भी मुख्य अनाज चावल है! हर भोजन के साथ शोरबा का प्रयोग जरूर किया जाता है! शोरबा जिसे क्षेत्रीय भाषा में गस्सी कहते हैं! ये मुर्गी, मछली, मांस से बनाए जाते हैं और इसे चावल के साथ परोसा जाता है! अवलाकी ओग्गराने चावल को कूट कर बनाया गया एक व्यंजन है! इसे हिंदी में पोहा के नाम से जाना जाता है! ये व्यंजन उत्तर और दक्षिणी कर्नाटक दोनों जगह प्रसिद्ध है! उत्तरी कर्नाटक में इसे मिर्च भाजी और आलू बोंडा के साथ खाया जाता है! नॉनवेज में भी नारियल ऐसा नहीं है कि दक्षिण भारतीय शाकाहारी ही होते हैं! उनके भोजन में मांसाहार की प्रमुखता भी होती है!

केरला फिश करी पूरे भारत में मशहूर है! नारियल और इमली के प्रयोग से इसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है! आंध्र प्रदेश की मछली का बाजार देश-विदेश में तैयार है! कर्नाटक में चिकन और मटन खानों वाली की कमी नहीं है! दक्षिण के इन चारों राज्यों में एक से बढ़कर एक नॉन वेज आइटम बनाए जाते हैं! ज्यादातर व्यंजन चटकदार और स्वाद से भरपूर होते हैं! लेकिन हां, नारियल का प्रयोग अधिकतर रेसिपी में किया जाता है!

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South Indian Food Names- दक्षिण भारत के मशहूर व्यंजन

मसाला डोसा- Masala Dosa (south indian food name in hindi):

दक्षिण भारत का सबसे मशहूर व्यंजन है डोसा! दाल और चावल के खमीर उठे घोल से बनाया गया यह डोसा सांभर और कई प्रकार की चटनी के साथ परोसा जाता है! डोसा भी अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे कि- मैसूर डोसा, रवा डोसा, प्याज डोसा, मसाला डोसा, पेपर डोसा आदि! मसाला डोसा में आलू का मसाला भरकर तैयार किया जाता है!

•इडली-Idli (south indian food name in hindi): 

दक्षिण भारतीय व्यंजन है जो भारत के साथ ही विदेश में भी बहुत मशहूर है। इडली को आप कभी भी बना सकते हैं; नाश्ते में या फिर खाने में।

सांभर-Sambar (south indian food name in hindi):

सांभर, अरहर दाल और सब्जियों से बनने वाली डिश है! सांभर की खासियत यह है कि इसमें दाल के साथ सब्जियां भी डाली जाती हैं तो आपको प्रोटीन और विटामिन एक साथ मिल जाता है! सांभर को डोसा, उत्तपम, इडली, अप्पम, इत्यादि के साथ परोसा जाता है!

•मेदू वड़ा- Medu Vada (south indian food name in hindi): 

आमतौर पर दक्षिण भारत में सुबह के नाश्ते में सर्व किया जाता है। उड़द की दाल से बनने वाले इस वड़े में बीच में छोटा सा छेद होता है। खाने में स्वादिष्ट इस वड़े को आप चाहें तो छुट्टी के दिन ब्रंच में भी बना सकते हैं। मेदू वड़े को सांभर और चटनी के साथ परोसा जाता है।

•रसम- Rasam (south indian food name in hindi):

रसम को बहुत पाचक समझा जाता है और स्वास्थ के लिए भी यह अच्छा होता है! यह दक्षिण भारतीय सूप की किस्म है! रसम कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि टमाटर रसम, इमली का रसम, अदरक रसम, दाल रसम इत्यादि!

आइए अब जानते हैं दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख मसालों के नाम कौन से हैं? जिनका इस्तेमाल  व्यंजन (south indian food) बनाने में किया जाता है-

Spices Used in South Indian Cuisine in Hindi- दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख मसालों के नाम:Write any 6 spices used in South Indian cuisine

दक्षिणी भारतीय भोजन के विभिन्न क्षेत्रों की खाना पकाने की शैलियों में बहुत अंतर है!  उत्तर भारतीय व्यंजनों में मांस, गाढ़े सॉस (अक्सर दही की विशेषता) के अधिक उपयोग के साथ मध्य एशियाई प्रभाव पड़ता है और आमतौर पर ब्रेड के साथ सर्व होता है! यदि आप शाकाहारी भोजन, चावल, ढेर सारे नारियल और, ज़ाहिर है, मसाले पसंद करते हैं तो दक्षिणी भारत आदर्श स्थान है!

दक्षिणी भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पाक शैली है - उडुपी व्यंजन, केरल का स्वाद, आंध्र प्रदेश की करी - एक चीज है जो उन्हें एकजुट करती है: मसाले की महारत! 
यदि आप दक्षिण भारतीय भोजन को समझना चाहते हैं, तो आपको उपयोग किए जाने वाले मसालों को जानना होगा! अक्सर निर्यात किया जाता है, दक्षिण भारत में उगाए जाने वाले मसालों का स्वाद देश में ही सबसे अच्छा होता है! यहाँ नीचे दी गई सूची में सबसे आवश्यक दक्षिण भारतीय मसालों का चयन किया है!

1.इलाइची-Cardamom:

हरी और काली इलायची दोनों दक्षिण भारतीय मसाले हैं और पूरे क्षेत्र में लोकप्रिय हैं!  हरी इलायची सबसे लोकप्रिय और सबसे बहुमुखी है, जिसका उपयोग मसाले के मिश्रण (जैसे गरम मसाला) से लेकर मीठे व्यंजन बनाने तक हर चीज में किया जाता है!  काली इलायची में एक शक्तिशाली, धुएँ के रंग का स्वाद होता है, और फली अविश्वसनीय रूप से मसालेदार स्वाद वाली होती है!  इसके स्वादिष्ट स्वाद के साथ-साथ, इलायची को इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है: इसमें कई अनुकूल गुण पाए जाते हैं, जिसमें एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-डिप्रेसेंट, एक डिटॉक्सिकेंट और मसूड़ों की बीमारी का इलाज शामिल है! वजन के हिसाब से यह दुनिया का तीसरा सबसे महंगा मसाला है!

2.लाल मिर्च-Red Chili:

सभी आवश्यक दक्षिण भारतीय मसालों-(Indian Spices) में सबसे प्रसिद्ध लाल मिर्च है! लाल मिर्च पुर्तगालियों द्वारा भारत में लाया गया था! हालांकि, मिर्च अब पूरे दक्षिण भारत में खाना पकाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भारत से निर्यात की जाने वाली तीन-चौथाई मिर्च वास्तव में आंध्र प्रदेश से आती है!  मिर्च को आमतौर पर सुखाया जाता है और एक पाउडर में पीस लिया जाता है, हालांकि इसे पूरा इस्तेमाल किया जा सकता है, उदाहरण के लिए तड़का लगाने में साबुत लाल मिर्च इस्तेमाल करते हैं!

3.हल्दी-Turmeric:

साउथ इंडियन खाने में हल्दी का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है! चमकीले नारंगी-पीले मसाले वाली हल्दी का उपयोग अक्सर करी को एक आकर्षक सुनहरा रंग देने के लिए किया जाता है, लेकिन सावधान रहें यह दागदार मसाला है और इसका रंग हल्के से नहीं छूटता है! इसे ताजा, सूखे, या पेस्ट में इस्तेमाल किया जा सकता है!  हल्दी को एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में जाना जाता है, यह गठिया के पीड़ितों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है!

4.काली मिर्च-Black Pepper:

हालांकि काली मिर्च दुनिया भर में लोकप्रिय है! काली मिर्च दक्षिण भारत की मूल निवासी है, जो पश्चिमी घाट और मालाबार तट से निकलती है! इस क्षेत्र की भारी और नियमित वर्षा काली मिर्च को उगाने के लिए सही स्थिति प्रदान करती है और यह अभी भी दुनिया के अधिकांश हिस्सों में निर्यात करता है! आम तौर पर सीधे व्यंजन पर पिसी हुई काली मिर्च आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छी होती है: यह चयापचय को तेज करती है, हड्डियों को मजबूत करती है और यकृत की रक्षा करती है!

5.लौंग-Cloves:

हालांकि मूल रूप से इंडोनेशिया के मालुकु द्वीपों पर पाया जाने वाला लौंग अब आवश्यक दक्षिण भारतीय मसालों में से एक है! सूखे फूलों की कलियाँ एक विशेष रूप से गर्म स्वाद प्रदान करती हैं और पूरी कली को अक्सर तेल या घी में एक डिश को मसाले का स्वाद देने के लिए पकाया जाता है, हालांकि इस मसाले का अधिक मात्रा में उपयोग अन्य स्वादों पर हावी हो सकता है!  लौंग लंबे समय से स्वस्थ के लिए फायदेमंद मानी जाती है आज भी पारंपरिक भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक भूमिका निभाती है!

6.जायफल-Nutmeg:

जायफल मिरिस्टिका फ्रेग्रेन्स ट्री का बीज है, जिसकी उत्पत्ति इंडोनेशिया के मालुकु द्वीप में भी हुई थी! एक अन्य मसाला जिसे बीज के गहरे लाल खोल से प्राप्त होता है और बाद में सुखाया जाता है! जायफल एक डिश में हल्का तीखा स्वाद जोड़ता है और अक्सर बिरयानी में इसका उपयोग किया जाता है, हालांकि, पश्चिमी व्यंजनों के विपरीत, दक्षिण भारतीय शायद ही कभी इसे मीठे व्यंजनों में जोड़ते हैं!  जबकि जायफल में कई स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं और मध्यम खुराक में एक प्रभावी अवसाद रोधी होता है, बड़ी मात्रा में सेवन करने से बचें!

7.दालचीनी या कैसिया- Cinnamon or Cassia:

दालचीनी या कैसिया एक सदाबहार पेड़ की छाल से प्राप्त होने वाला मसाला है और दक्षिण भारतीय मसालों में से एक है! अक्सर इसे दालचीनी के नाम से विदेशों में बेचा जाता है क्योंकि श्रीलंका से प्राप्त सच (सीलोन) दालचीनी दुर्लभ है!  कैसिया, जिसे कभी-कभी चीनी या दालचीनी के रूप में जाना जाता है, में इसके नाम की तुलना में थोड़ा मीठा स्वाद होता है और यह एक और मसाला है जिसका उपयोग भारतीय स्वादिष्ट व्यंजनों के स्वाद के लिए करते हैं!

8.इमली-Tamarind:

इमली वास्तव में एक फल है, जिसके अंदरूनी हिस्से खट्टे होते हैं, हालांकि वे पकने के आधार पर मीठे हो सकते हैं!  अक्सर पेस्ट के रूप में उपयोग किया जाता है, यह दक्षिण भारतीय व्यंजनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में, जहां इसे मिर्च पाउडर के साथ मिलाया जाता है, और तमिलनाडु, जहां यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला खट्टा एजेंट है!  स्टॉज (Stews) से लेकर सॉस (Sauces), डेसर्ट से लेकर ड्रिंक्स तक हर चीज में इस्तेमाल किया जाता है, यह वेस्ट में वोस्टरशायर सॉस में एक घटक के रूप में भी प्रमुख है!


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