घर पर काढ़ा कैसे बनाएं?, जानिए फायदे उपयोग और नुकसान | How to Prepare Kadha in Hindi |
घर पर काढ़ा कैसे बनाएं? जानिए आसान रेसिपी और काढ़ा पीने के फायदे इन हिंदी |How to Prepare Kadha Quantity of Spices to be used? in Hindi
भारतीय आयुर्वेद में सदियों से जड़ी बूटियों और मसालों का उपयोग औषधियों के रूप में करते आ रहे हैं! अनेकों प्रकार की शारीरिक समस्याओं में इन जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग अनेकों प्रकार की औषधियां और काढ़ा बनाने में किया जाता है! सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है और ऐसे मौसम में सर्दी, खांसी और जुकाम होना आम बात है! दादी-नानी मां के नुस्खे को अपनाकर आज हम आपको बता रहे हैं, भारतीय मसालों से बने काढ़े (घर पर काढ़ा कैसे बनाएं?) के बारे में, जिसे पीने से न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ती है बल्कि इससे आप कई तरह की शारीरिक बीमारियों से भी बचे रहते हैं!
TOTAL COOKING द्वारा प्रस्तुत रेसिपी में हम आपको घर पर काढ़ा कैसे बनाएं? जानिए आसान रेसिपी और काढ़ा पीने के फायदे इन हिंदी | How to Prepare Kadha Quantity of Spices to be used? in Hindi, सर्दी जुखाम से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घर पर काढ़ा बनाने की विधि बता रहे हैं! घर पर काढ़ा कैसे बनाएं इसकी रेसिपी जानने के अलावा आप अन्य विभिन्न प्रकार की जानकारी भी प्राप्त कर सके जैसे काढ़ा क्या है?, काढ़ा बनाने की सामग्री, काढ़ा कैसे बनाते हैं?, काढ़ा पीने के क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं?. आइए सबसे पहले जानते हैं कि काढ़ा क्या है?
काढ़ा क्या है?- What is a Kadha (Decoction)?
काढ़ा एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जिसे भारतीय जड़ी-बूटियों और मसालों के साथ बनाया जाता है और, अक्सर काढ़े या चाय के रूप में सेवन किया जाता है! काढ़ा एक प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर है और इसे सर्दी, खांसी, जुखाम और मौसमी बुखार के खिलाफ प्रभावी माना जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी बढ़ाता है! काढ़ा को बुखार और गले में खराश के लिए रामबाण इलाज माना जाता है! यह खांसी को भी ठीक करता है और एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर होता है!
आप भी घर पर आसानी से हल्के-फुल्के सर्दी, खांसी जुखाम और मौसमी बुखार होने पर झट से आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर सकते हैं!
तो चलिए देर किस बात की है, शुरू करते हैं घर पर काढ़ा बनाने की विधि इसके लिए आप निम्नलिखित सामग्री इकट्ठा कर लें:
कितने लोगों के लिए: 1-2
तैयारी का समय: 5 मिनट
पकाने का समय: 20 मिनट
कुल समय: 25 मिनट
कोर्स: काढ़ा
पाक शैली: भारतीय
कीवर्ड: How to Prepare Kadha in Hindi
काढ़ा बनाने की सामग्री- Ingredients for making Kaadha (Decoction):
▢पानी: 2 कप
▢अदरक: 1 इंच छिली हुई
▢लौंग: 4-5
▢काली मिर्च: 5-6
▢ताज़ी तुलसी की पत्तियां: 5-6
▢शहद: 1 टी स्पून
▢दालचीनी: 2 इंच टुकड़ा
▢मुलेठी (लेकोरिस-Liquorice): 1 इंच टुकड़ा
काढ़ा कैसे बनाते है? (घर में काढ़ा बनाने की विधि)-How to make a Kaadha (Decoction)?:
•काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले एक गहरे और मोटे बेस वाले बर्तन में तय मात्रा अनुसार पानी डालकर उसे थोड़ा सा उबाल लें!
•अब एक कुंडी (Mortel Pestal) में अदरक, लौंग, काली मिर्च और दालचीनी को डालकर कुंडी डंडे से हल्का सा कूट दें!
•पानी में उबाल आने के बाद, अब बर्तन में तुलसी के पत्तों के साथ कूटी हुई सामग्री डालें!
•लगभग 20 मिनट तक का काढ़े को मध्यम आंच पर कम से कम आधा रह जानें तक पकाएं!
•जब काढ़ा आधा रह जाए तो गिलास में छान लें और 1 टी स्पून शहद मिलाकर मिक्स कर लें!
•आपका घर का बना काढ़ा तैयार है!
काढ़ा बनाने की रेसिपी जान लेने के बाद अब आइए जानते हैं काढ़ा से संबंधित मन में उठने वाले कुछ प्रश्नों के जवाब:
काढ़ा पीने के फायदे इन हिंदी- Benefits of drinking Kadha (Decoction) in Hindi:
विशेषज्ञों के अनुसार, काढ़ा में एंटी-वायरल गुण होते हैं सर्दी, खांसी, जुखाम और मौसमी बुखार से बचाव में कारगर सिद्ध हैं! काढ़ा में तुलसी का इस्तेमाल इसे एक प्रभावी उपचार वाला पेय बनाती है और पीड़ित व्यक्ति के शरीर से बलगम को कम करने में मदद करती है! काढ़े को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने (Immunity) और संक्रमण (Infection) से लड़ने के लिए भी जाना जाता है! इसमें मौजूद विरोधी भड़काऊ और एंटीसेप्टिक गुण गले को शांत करता है और खांसी को रोकता है!
काढ़े का इस्तेमाल ना सिर्फ़ सर्दी, खांसी, जुखाम और मौसमी बुखार से बचाव के इलाज में किया जाता है बल्कि आपको जानकर हैरानी होगी कि काढ़ा पथरी के इलाज में भी कारगर है! बेहतर परिणामों के लिए नियमित रूप से 6 महीने तक काढ़े का सेवन करने की सलाह दी जाती है! इसके अलावा काढ़े सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और काढ़ा एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है!
रोज काढ़ा पीने से क्या होता है?- What happens if you drink the Kadha (Decoction) every day?:
रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने और स्वयं को चुस्त-दुरुस्त व स्वस्थ रखने के लिए कई लोग रोज़ाना काढ़ा पी रहे हैं. काढ़ा पीने से कई प्रकार की शारीरिक बीमारियां तो दूर होती ही हैं साथ ही काढ़े सेवन करने रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है. भारतीय आयुर्वेद में काढ़ा पीने का बहुत महत्व है और सदियों से इस्तेमाल होता आया ह! स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा भी मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम और मौसमी बुखार से बचने के लिए लोगों को काढ़ा पीने की सलाह दी जाती है!
काढ़ा पीने का सही समय- Right Time to Drink Kadha (Decoction):
सुबह उठने के एक घंटे बाद आप काढ़ा पी सकते हैं! यदि आप शाम के समय काढ़ा पीना चाहते हैं, तो 4 से 5 बजे का समय ठीक रहेगा, क्योंकि सुबह और शाम के समय गर्मी इतनी ज्यादा नहीं रह जाती! काढ़ा बनाते समय सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों के मौसम में उन मसालों की मात्रा सीमित रखें, जिनकी तासीर गर्म होती है! जैसे - काली मिर्च और अदरक आदि!
काढ़ा कितनी मात्रा में लेना चाहिए?- In What Quantity should the Kadha (Decoction) be taken?:
काढ़े का सेवन 50 मिली से ज्यादा नहीं करना चाहिए! आप जब भी काढ़ा तैयार कर रहे हो तो लगभग 100 मिलीलीटर पानी में सारी सामग्री को मिलाएं और 50 मिलीलीटर होने तक उबलने दें! आपको इससे ज्यादा काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए, अधिक जानकारी के लिए आपको चिकित्सा परामर्श की सलाह दी जाती है!
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काढ़ा बनाकर पीने से क्या होता है?- What happens when you drink a Kadha (Decoction)?:
सदियों पुराने समय से ही मौसम बदलने के कारण होने वाले सर्दी, खांसी, जुखाम और मौसमी बुखार से बचने के लिए लोगों को बडे़ बुजुर्गों द्वारा काढ़ा पीने की सलाह दी जाती थी और घर पर ही काढ़ा बनाकर दिया जाता था! काढ़ा बनाने के लिए घरेलू भारतीय मसालों का उपयोग किया जाता है जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं! इन काढ़ों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ती है, जिससे हमारा शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम होता है और हम स्वस्थ रहते हैं!
ज्यादा काढ़ा पीने के नुकसान- Disadvantages of drinking too much Kadha (Decoction) | Side Effects of Kadha:
जब भी आप घर पर काढ़ा तैयार करें तो सुनिश्चित करें कि सभी मसाले केवल निर्धारित मात्रा में ही डाले गए हैं, क्योंकि किसी भी सामग्री (Ingredients) की अधिकता से भोजन नली में जलन, मतली और गले, पेट में जलन हो सकती है! हालांकि, काढ़े का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है लेकिन काढ़े का अत्यधिक इस्तेमाल करना आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है! काढ़े का इस्तेमाल आप गर्मी और सर्दी दोनों मौसमों में कर सकते हैं, गर्मियों में ज्यादा काढ़ा पीने से आपको निम्नलिखित समस्याएं हो सकती है:
• एसिड बनना और अपच की समस्या होना
• बार-बार पेशाब जाना और मूत्र मार्ग में जलन होना
• पेट में बहुत ज्यादा गैस बनना और जलन होना
• नाक से खून बहना और सूखापन रहना
• मुंह में छाले हो जाना
क्योंकि काढ़ा बनाने में जिन मसालों और औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है उन सभी चीजों की तासीर गर्म होती है. काढ़ा कई विधियों से बनता है और अलग-अलग काढ़ा बनाने में काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, गिलोय, अश्वगंधा, इलायची और सोंठ जैसी गर्म तासीर वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. ये सारी चीजें शरीर में गर्मी पैदा करती हैं और रोगों से तुरंत राहत प्रदान करती है परंतु इनका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है!
क्या वात और पित्त दोष वालों को हो सकता है काढ़ा पीने से नुकसान?- Side Effects of Kadha:
हालांकि, काढ़े का इस्तेमाल कफ विकार वाले लोगों के बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि नियमित रूप से काढ़ा पीने से कफ खत्म हो जाता है. लेकिन जिन लोगों को पित्त और वात दोष की समस्या है वह अपने काढ़े में ज्यादा गर्म चीजें डालने से बचें. ऐसे लोगों को काली मिर्च, दालचीनी और सोंठ जैसी चीजें डालते समय सावधानी बरतनी चाहिए और इन्हें तय मात्रा अनुसार ही डालना चाहिए वरना ये चीजें आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती हैं!
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Nice article sr ji
जवाब देंहटाएंThanks dear 🙏🏼
हटाएंकृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम मैसेज न डालें!