आज से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष श्राद्ध, जानिए श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री | Pitru Paksha Shradh 2021in Hindi

 
आज से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष श्राद्ध, जानिए श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री  | Pitru Paksha Shradh 2021in Hindi
पितृपक्ष-श्राद्ध | Pitru Paksha- 2021

श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट- Method of Shradh, dates, importance and complete list of worship materials | Pitru Paksha (Shradh) 2021 in Hindi

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) का बहुत बड़ा महत्व है और इन्हें श्राद्ध (Shradh) के नाम से भी जाना जाता है! हर वर्ष लोगों द्वारा अपने पितरों को तृप्त और प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किए जाते हैं! वर्ष 2021 में पितृ पक्ष-श्राद्ध (Pitru Paksha 2021) की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा से हो रही है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष (श्राद्ध) रहते है!
हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है की पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना शुभ होता है! पितृ पक्ष (श्राद्ध) में संपूर्ण विधि विधान से पितर संबंधित कार्य करने पर हमें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साथ ही पितरों को भी मोक्ष प्राप्त होता है!

TOTAL COOKING द्वारा प्रस्तुत लेख में हम आपको श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट | Pitru Paksha Shradh 2021 in Hindi, पितृ पक्ष श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट सहित जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं! साल 2021 में 20 सितंबर से पितृ पक्ष (श्राद्ध) आरंभ हो जाएगा और 6 सितंबर 2021 को पितृ पक्ष (श्राद्ध) का समापन होगा!
आइए जानते हैं वर्ष 2021 में होने वाले पितृ पक्ष श्राद्ध की तिथियां कब है और पितृ पक्ष श्राद्ध की विधि, महत्व और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट क्या है?

भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष (श्राद्ध) आरंभ होंगे और कुल 16 दिनों तक मनाए जाते हैं!  इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021 से शुरू होकर 6 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे!

 

मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध-Shradh according to the date of death:

किसी व्यक्ति की मृत्यु तिथि के अनुसार ही पितृ पक्ष में  श्राद्ध किया जाता है! यदि किसी मृत व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर उस मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है, क्योंकि अमावस्या तिथि पर सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है!

पितृ पक्ष (श्राद्ध) 2021 तिथियां|श्राद्ध कब से शुरू है 2021|Dates of Shradh in Pitru Paksha 2021 in Hindi:

‌पूर्णिमा श्राद्ध-   20 सितंबर 2021


‌प्रतिपदा श्राद्ध-  21 सितंबर 2021


‌द्वितीया श्राद्ध-   22 सितंबर 2021


‌तृतीया श्राद्ध-    23 सितंबर 2021


‌चतुर्थी श्राद्ध-     24 सितंबर 2021


‌पंचमी श्राद्ध-     25 सितंबर 2021


‌षष्ठी श्राद्ध-       27 सितंबर 2021


‌सप्तमी श्राद्ध-    28 सितंबर 2021


‌अष्टमी श्राद्ध-     29 सितंबर 2021


‌नवमी श्राद्ध-      30 सितंबर 2021 


‌दशमी श्राद्ध-      01 अक्तूबर 2021


‌एकादशी श्राद्ध-   02 अक्तूबर 2021


‌द्वादशी श्राद्ध-     03 अक्तूबर 2021


‌त्रयोदशी श्राद्ध-   04 अक्तूबर 2021


‌चतुर्दशी श्राद्ध-    05 अक्तूबर 2021


‌अमावस्या श्राद्ध- 06 अक्तूबर 2021


कृपया ध्यान दें: वर्ष 2021 में आने वाले 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं है!

पितृ पक्ष (श्राद्ध) का महत्व- Significance of Pitru Paksha (Shraadh):

मान्यता है कि पितृपक्ष (श्राद्ध) के दिन हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और श्राद्ध से खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं! हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष (श्राद्ध) करने से हमारे पितर खुश रहते हैं! आइए जानते हैं पितृपक्ष (श्राद्ध) का क्या महत्व है:
•पितृपक्ष (श्राद्ध) में विधि विधान से पितर संबंधित कार्य करने और पितरों को खुश करने वाले व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं!
•पितृपक्ष (श्राद्ध) में श्राद्ध तर्पण करने से पितर (हमारे पूर्वज) प्रसन्न होते हैं और अपना आर्शीवाद देते हैं!
•पितर दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है!

पितृ दोष के कारण- Paternal defect:

पितृ दोष लगने के अनेक कारण होते हैं! विद्वान पंडितों के अनुसार निम्नलिखित कारणों से पितृ दोष लगता है:
•परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने पर
•अपने माता-पिता के अपमान करने पर.
•मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म न करने पर.
•किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात, श्राद्ध और उनके निमित्त वार्षिक श्राद्ध आदि न करने पर.

श्राद्ध पूजा की सामग्री- Shradh Puja material:

श्राद्ध की पूजा विधि के लिए निम्नलिखित सामग्री की जरूरत पड़ती है:
•रोली
•सिंदूर
•छोटी सुपारी
•रक्षा सूत्र
•चावल 
•जनेऊ
•कपूर
•हल्दी
•देसी घी
•जौ
•हवन सामग्री
•गुड़
•दियासलाई
•शहद
•काला तिल
•तुलसी पत्ता
•पान का पत्ता
•मिट्टी का दीया
•रुई बत्ती
•अगरबत्ती
•दही
•जौ का आटा
•गंगाजल
•खजूर
•केला
•सफेद फूल
•उड़द
•गाय का दूध
•खीर
•स्वांक के चावल
•मूंग
•गन्ना

श्राद्ध पूर्ण करने की विधि-Method of performing Shradh:

पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म को किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण से करवाना चाहिए!
पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म में पूरी श्रद्धा से पिंड दान, तर्पण कर ब्राह्मणों को दान दिया जाता है इसके अलावा आप किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है!
हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि गंगा नदी के किनारे पर पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म करवाना चाहिए, यदि यह संभव न हो तो आप घर पर भी पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म कर सकते है!
पितृपक्ष (श्राद्ध) वाले दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए और साथ ही भोजन उपरांत उन्हे दान-दक्षिणा देकर भी संतुष्ट करें!
पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए और पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा को अच्छी तरह से करवाने के लिए  सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करवाना चाहिए और पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें!
इसके बाद श्राद्ध के लिए तैयार जिस भी भोजन से भोग लगाया जा रहा हो तो उसमें से गाय, कुत्ते और कौवे का हिस्सा अलग कर देना चाहिए! जब आप गाय, कुत्ते, कौवे आदि को भोजन करवाएं तो उस समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए और मन में पितरों को श्राद्ध ग्रहण करने का हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहिए!




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दोस्तों आपको TOTAL COOKING द्वारा प्रस्तुत की गई   श्राद्ध की विधि, तिथियां, महत्व और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट- Method of Shradh, dates, importance and complete list of worship materials | Pitru Paksha Shradh 2021 in Hindi, जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं! यदि आपका कोई सुझाव हो तो भी कमेंट जरूर करें और यदि आप यहां पर अपनी मनपसंद व्यंजन की रेसिपी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं, हम कोशिश करेंगे उसकी रेसिपी प्रस्तुत करें! यदि आपको जानकारी अच्छी लगी तो शेयर जरूर करें!


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