हिमाचली खैरू | रेहडू | फोका कड्डू बनाने की विधि हिंदी में | Himachali Kheru recipe in hindi

दोस्तों, दाल सब्जी खा कर उब चुके हैं तो मात्र 10 मिनट में तैयार करें एक मजेदार, पौष्टिक और स्वाद से भरपूर हिमाचली व्यंजन की रेसिपी!

हिमाचली खैरू|रेहडू|फोका कड्डू बनाने की विधि हिंदी में|Himachali Kheru recipe in hindi|Himachali Cuisine|Quick & Easy Himachali Kheru recipe|हिमाचली खैरु बनता कैसे है?

हिमाचली खैरू


आज हम आपके लिए हिमाचली पाकशाला और खानपान की संस्कृति से एक मजेदार और झटपट से तैयार होने वाली डिश की रेसिपी लेकर आए हैं जिसका नाम है हिमाचली खैरू!

नाम मात्र के मसाले और लहसुन, हींग के जायके से भरपूर हिमाचली खेरु खाने में बहुत पौष्टिक होता है और काफी  स्वादिष्ट भी लगता है और झटपट से मात्र 10 मिनट में बनकर तैयार हो जाता है!

हिमाचली खेरु की रेसिपी बनाने की विधि  हिमाचल प्रदेश की पाकशाला में उत्पन्न हुई है! हिमाचल प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र में खेरु को बड़े चाव से बनाया और खाया जाता है! जब भी घर पर मेहमानों की अधिकता होती है तो अक्सर दाल सब्जी चावल और रोटी के अलावा खैरू को स्पेशल तौर पर बनाया जाता है!


हिमाचली खैरू की रेसिपी बनाने की विधि जो आपके सामने मैं प्रस्तुत कर रहा हूं वह मेरी पूजनीय दादी मां (अम्मा) के हाथों से हमारे गांव वाले कच्चे स्लेट के घर में लकड़ी के चूल्हे पर, मिट्टी के बर्तन (भड्डू) में बना करती थी!

सुबह के नाश्ते का समय हो, दोपहर का लंच हो या रात का डिनर जब कभी भी मेरा मन खेरू खाने का होता, दादी मां को खैरू बनाने की जिद किया करता था! गरमा गरम खेरु और बासी मक्की की रोटी के साथ खाने का अपना ही मजा आता था! मुझे आज भी याद है जब भी मेरी दादी मां खेरु याअन्य कोई भी पकवान बनाती थी तो पड़ोस के सभी घरों में खुशबू फैल जाती थी और सभी बोलते थे कि, संतोखी (मेरी दादी मां का नाम) खाने में पता नहीं क्या डालती है जो इतनी खुशबू फैल जाती है! मेरी दादी की रसोई में हींग, साबुत धनिया, साबुत लाल, मिर्च लहसुन व हरा धनिया, घर पर तैयार की गई हल्दी व सरसों का तेल हमेशा उपलब्ध मिलता था और दादी मां अधिकांश खाना इन्हीं नाम मात्र  मसालों के इस्तेमाल से करती थी! 

यह भी ट्राई करें:



मेरा अधिकांश बचपन गांव में दादी मां के पास बीता है और मैंने अपने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनने वाले अधिकांश पकवानों को खाया भी है और उनको बनाने की कला व तकनीक भी सीखी और अक्सर दादी मां की गैर हाजरी में चूल्हे पर कभी गेहूं के आटे का हलवा, कभी गज्जक तो कभी बबरू (हिमाचल में शादी ब्याह व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गेहूं के आटे और शक्कर से तैयार होने वाला मीठा व्यंजन)  बनाया करता था! दादी मां जब भी दाल बनाती थी तो उसे पीतल के पतीले में उबालती थी और दाल से निकलने वाले झाग को कड़छी से हटाती रहती थी और हल्की आञ्च पर दाल बहुत अच्छे से  पकती थी! दादी मां दाल को अक्सर तड़का लगाने के लिए सरसों के तेल को कड़छी में डालकर आग के अंगारों पर गर्म करती थी और उसमें साबुत धनिया, साबुत लाल मिर्च व लहसुन की 3-4 कलियां डालकर दाल में तड़का लगाती थी और उस तड़के की खुशबू पूरे पड़ोस में फैल जाए करती थी!



खैरू बनाने के लिए दादी मां ज्यादातर ताजा लस्सी का इस्तेमाल किया करती थी! लस्सी को एक बर्तन में डालकर उसमें नमक और हल्दी को पहले ही मिक्स कर लिया करती थी और आधी कड़छी सरसों का तेल, मिट्टी के बर्तन में डालती और थोड़े से साबुत धनिया के दाने और हाथ से ही लहसुन की कलियों को तोड़कर तड़का लगाती और मसाले को पकाती थी और थोड़ा सा पानी में घुला हींग डालकर एकदम से लस्सी वाले घोल को मिट्टी वाले बर्तन (भड्डू) में उड़ेल देती और ऊपर से ढक देती! हींग का सारा स्मोकी फ्लेवर उस लस्सी में समा जाता था और थोड़ी देर में ढक्कन को हटाकर मात्र 2-3 मिनट तक कड़छी से फटाफट गोल गोल घुमाते हुए फिर झटपट से दूसरे बर्तन में पलट देती थी! 

खैरू बनाने की सारी टेक्निक यहीं पर छुपी हुई है आपने देखा होगा खैरू बनाते वक्त कई बार या फट जाता है! खैरू को फटने से बचाने के लिए कई लोग इसमें बेसन या मक्की का आटा दही/लस्सी  में पहले ही घोल लेते हैं! लेकिन दादी मां के हाथों में ऐसा जादू था कि मैंने कभी भी उनके द्वारा बनाया गया खैरू फटा हुआ नहीं देखा! दादी मां मात्र 8-10 मिनट में खैरू बना देती थी! उनके द्वारा बनाए गए खेरू रेसिपी का सीक्रेट यही था कि वह  खैरू बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करती थी और तड़का लगाने के बाद उसे दूसरे बर्तन में पलट कर थोड़ी देर तक कड़छी से हिलाती रहती थी! उनके द्वारा बनाया गया खैरू इतना पोस्टिक और स्वादिष्ट होता था की खाने का बार बार मन करता था! 

विस्तार से जाने हिमाचली धाम क्या है? Himachali Dham kya hai? हिमाचली धाम बनती कैसे है? हिमाचली धाम इतनी प्रसिद्ध क्यों है?


आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैंने मेरी दादी मां के द्वारा बनाई गई खैरु की रेसिपी को आप सबके लिए प्रस्तुत किया, और आशा करता हूं क्या आप इसे जरूर ट्राई करें क्योंकि इसे बनाने में मैने भी सिर्फ साबुत धनिया, साबुत लाल मिर्च, हींग, लहसुन, हल्दी, नमक, लस्सी का ही इस्तेमाल किया गया है थोड़ा सा हटकर मैंने इसे चटपटा और तीखा स्वाद देने के लिए, इसमें  भूना हुआ जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ी सी सौंफ के दाने व बारीक कटी अदरक का इस्तेमाल किया है! यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट बनता है एक बार जरूर ट्राई करें!


खैरू कैसे बनता है? How is Khairu made?

खैरू बनाने के लिए हम ताजा लस्सी या दही का इस्तेमाल मुख्य रूप से करते हैं! दही/लस्सी में जरूरत अनुसार पानी डालकर  उसमें तय मात्रा अनुसार हल्दी नमक डालकर  अच्छी तरह से फेंटकर मिक्स कर लिया जाता है और उसके बाद बर्तन में सरसों का तेल गर्म करके उसमें साबुत धनिया लाल मिर्च, हींग, लहसुन इत्यादि को अच्छी तरह पका कर, दही/लस्सी वाले घोल को डालकर तड़का लगाया जाता है और दो-तीन मिनट तक पकाने के बाद दूसरे बर्तन में पलट लिया जाता है! खानेे में स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरे, हींग लहसुन के जायकेदार स्मोकी फ्लेवर युक्त खैरू तैयार होता है!


खैरू हिमाचली पाकशाला की रेसिपी है और पहाड़ी क्षेत्र में दही या लस्सी से तैयार होने वाले इस व्यंजन को अलग-अलग नामों से जाना जाता है! बिलासपुर जिला में इस व्यंजन को  खैरू कहते हैं और मंडी जिला में से फोका कडू के नाम से जाना जाता है कुछ लोग इसे रेहडू के नाम से भी जानते हैं!  खैरू व्यंजन की खासियत यह है कि इसे खाने को किसी भी उम्र का इंसान मना नहीं करता है बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिलाएं सभी खैरू खाना पसंद करते हैं!


सभी जगह पर खैरू /कडू /रेहडू बनाने की अपनी-अपनी विधियां हैं कई जगह पर इसे दही में बेसन घोल कर पकोड़ा कढ़ी की तरह ही तैयार किया जाता है! तो कई जगह  प्याज का तड़का लगाकर तैयार किया जाता है! भले ही इसे तैयार करने की अपनी-अपनी विधियां हो लेकिन जो स्वाद और मजा खेरू खाने में है वह किसी अन्य लजीज व्यंजनों में नहीं! हिमाचली लोग खैरु को ज्यादातर मक्की की रोटी के साथ खाते हैं! आप खैरु को चावल या चपाती के साथ भी सर्व कर सकते हैं!


हिमाचली खैरू को आप सुबह के नाश्ते से लेकर रात के डिनर तक जब मर्जी खा सकते हैं कई जगह पर तो इसे आजकल स्टार्टर के तौर पर सूप में परोसा जा रहा है!

नाम मात्र के मसाले और लहसुन, हींग के जायके से भरपूर हिमाचली खेरु खाने में बहुत पौष्टिक होता है और काफी  स्वादिष्ट भी लगता है और झटपट से मात्र 10 मिनट में बनकर तैयार हो जाता है!


तो चलिए देर किस बात की है शुरू करते हैं हिमाचली खैरू बनाने की विधि हिंदी में... इसके लिए आप निम्नलिखित सामग्री इकट्ठा कर ले:

People servings :4-5


Prep time :8-10 mins 

Meal type:

Lunch/Breakfast/Himachali/Soup/Veg


हिमाचली खैरू बनाने के लिए आवश्यक सामग्री: ingredients

दही : 200 ग्राम (या लस्सी : 1/2 लीटर)
हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)  : 2
लहसुन (बारीक कटा हुआ)  : 5-6 कली
अदरक (बारीक कटा हुआ)  : 1 टेबल स्पून
सरसों का तेल : 1 टेबल स्पून
साबुत धनिया : 1 टी स्पून
सौंफ के दाने : 1/2 टी स्पून
सूखी लाल मिर्च : 2
जीरा : 1 टी स्पून
हींग : चुटकी भर (पानी में घुला हुआ)
हल्दी : 1 टी स्पून 
कश्मीरी लाल मिर्च : 1 टी स्पून
धनिया पाउडर : 1 टी स्पून
हरा धनिया : 2 टेबल स्पून 
कड़ी पत्ता : 4-5 पत्ते
और सबसे जरूरी नामक अपने स्वाद के अनुसार तो आइए शुरू करते हैं हिमाचली खैरू बनाने की विधि:


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हिमाचली खैरू बनाने की विधि: method


सबसे पहले एक प्लेट में तय मात्रा अनुसार साबुत धनिया थोड़ा सा जीरा, हल्दी, कटी हुई हरी मिर्च, साबुत लाल मिर्च, थोड़े से सौंफ के दाने (ऑप्शनल) और थोड़ा सा भुना हुआ जीरा (दरदरा पीस कर रख ले) निकाल कर रख ले जिससे तड़का लगाने में आसानी रहे!



एक बाउल में दही/लस्सी डालकर आधा टी स्पून हल्दी और आधा टी स्पून लाल मिर्च पाउडर और स्वाद के अनुसार नमक व आवश्यकतानुसार पानी डालकर डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें!



एक बर्तन में सरसों का तेल डालकर अच्छी तरह से गर्म कर ले! अब इसमें साबुत लाल मिर्च, साबुत धनिया, साबुत जीरा, थोड़े से सौंफ के दाने डालकर पका लें! अब कटी हुई हरी मिर्च, बारीक कटा हुआ लहसुन और कड़ी पत्ता के चार पांच पत्ते डालकर दो-तीन मिनट तक मसाले को पका लें! जैसे ही मसाला सुनहरे रंग का होने लगे उसमें हींग को पानी में घोलकर  डाल दें और ढक्कन लगाकर थोड़ी देर के लिए ढक दें!



अब तैयार हो चुके मसाले में हल्दी नमक मिर्च डाल कर तैयार की हुई दही/लस्सी को डाल दे और कड़छी से लगातार दो-तीन मिनट तक खैरू को हिलाते (clockwise) रहे!


थोड़ा सा बारीक कटा हुआ धनिया पहले ही डाल दे, साथ में बारीक कटा हुआ अदरक भी डाल दें और अच्छी तरह से मिक्स कर लें!






यहां पर ध्यान रखें खैरू को लगातार हिलाते रहें नहीं तो आपका खैरू फट सकता है!

अब गैस बंद कर दें और बर्तन से खैरू को किसी दूसरे बर्तन में निकाल कर फिर से दो-तीन मिनट तक खैरू को कड़छी से हिलाते रहें!

गरमा गरम खैरू के ऊपर थोड़ा सा भुना हुआ जीरा डालकर मिक्स कर ले और बारीक कटा हुआ हरा धनिया की गार्निश करके  मक्की की रोटी या चावल के साथ बच्चों का परिवार जनों को खिलाएं!

Himachali Kheru/Rehru


दोस्तों आपको मेरे द्वारा प्रस्तुत की गई हिमाचली खैरू की रेसिपी कैसी लगी कमेंट जरूर करें यदि आपका कोई सुझाव हो तो भी जरूर कमेंट करें और रेसिपी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें!




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सुनील कुमार SHANDIL 
होटल मैनेजमेंट संस्थान हमीरपुर
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